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ये कैसा लोकतंत्र और कैसी धर्मनिरपेक्षता ,अन्य धर्माब्लम्बियों की उपेक्षा क्यूँ ???

Dr.satyendra singh
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पटियाला [विनय शौरी]। पिछले पांच सालों के दौरान देशभर से छह लाख 40 हजार 792 मुस्लिम हजयात्रा पर गए, जिनको सब्सिडी के रूप में 2891.77 करोड़ रुपये दिए गए।

सूचना का अधिकार कानून [आरटीआई] के अंतर्गत 31 जुलाई 2010 को किए गए आवदेन के जवाब में विदेश मंत्रालय ने स्थानीय सूचना अधिकार मंच के महासचिव डीसी गुप्ता और प्रचार मंत्री कुमार सरीन को भेजे अपने जवाब में यह जानकारी दी।

आवेदनकर्ताओं के अनुसार, विदेश मंत्रालय से तीन सवाल किए गए थे : पहला, हजयात्रा के लिए सब्सिडी दी जाती है या नहीं? अगर दी जाती है तो कितनी और पिछले पांच सालों में कितनी दी गई? दूसरा, देश के किसी अन्य धार्मिक समुदाय को यह सुविधा दी जा रही है या नहीं?

अपने जवाब में विदेश मंत्रालय के सचिव मनबीर सिंह ने बताया कि हज पर जाने के लिए सब्सिडी की सुविधा वर्ष 1991 से दी जा रही है। पिछले पांच सालों में कुल 6 लाख 40 हजार 792 मुस्लिमों पर सब्सिडी के रूप में 2891 करोड़ 77 लाख रुपये खर्च किए गए। मगर देश के किसी अन्य धार्मिक समुदाय को अपने धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए कोई सब्सिडी नहीं दी जाती।

विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि वर्ष 2008-09 के दौरान देशभर से एक लाख 21 हजार 695 मुस्लिमों ने हजयात्रा की। हर यात्री को 70238 रुपये की सब्सिडी प्रदान करते हुए सार्वजनिक फंड से 864 करोड़ 77 लाख रुपये खर्च किए गए।

पंजाब शिव सेना [बाल ठाकरे] के उपाध्यक्ष, विहिप नेता कुमार सरीन और श्री हिंदू वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष संजीव दास हरि ने कहा कि हजयात्रियों को सब्सिडी मिलती रहे, लेकिन अन्य धर्मो के लोगों को भी अपने धार्मिक स्थानों की यात्रा पर जाने के लिए बराबर सब्सिडी दी जानी चाहिए।
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